एक बाबा किसी महफ़िल में गए। वहां सब उनका मजाक उड़ाने लगे।
बाबा ने कहा, "देखो हम फ़क़ीर लोग हैं, हमारा मज़ाक न उड़ाए।"
लोग खूब हंसे। अचानक उन सबको दिखना बंद हो गया। वे अंधे हो गए। वो सब बाबा के कदमों में गिर गए, "बाबा जी हमें माफ़ कर दो।"
बाबा जी ने जूता उतारा और सबके एक-एक मारा और बोले,
"सालों! लाइट चली गई।
कोई जेनरेटर ऑन करो मुझे भी दिखाई नहीं दे रहा है।"
कोई जेनरेटर ऑन करो मुझे भी दिखाई नहीं दे रहा है।"